वैदिक शिल्प शोध प्रतिष्ठान

(१) लक्ष्य — भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रस्तुति।

(२) उद्देश्य — काल के तीनों विभागों पर केन्द्रित है—

(१) भूतकाल — पूर्व आचार्यों के कार्यों का अन्वेषण, संग्रह व संकलन।

(२) वर्त्तमान काल — अध्ययन व शोध।

(३) भविष्यकाल — साहित्य निर्माण, समाज में व्यावहारिक उपस्थापन, पठन-पाठन।

(३) सम्पादित कार्य

(१) शिल्प के १०० प्राचीन ग्रन्थों का संग्रह तथा पूर्व आचार्यों के कार्यों का अन्वेषण, संग्रह व संकलन।

(२) भारतीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी विषयों का पाठ्यक्रम निर्माण।

(३) साहित्य प्रकाशन— प्राचीन विमानकला का शोध (२०१८), अभिनव स्मृतिकार शिल्पकलानिधी श्री॰ कृष्णाजी विनायक वझे गौरव ग्रंथ, भाग-१ (व्यक्तित्व आणि कर्तृत्व) (२०१९)।

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(४) साहित्य निर्माण की भावी योजना

(अ) वेदविद्या शृङ्खला (Series) — वेदविद्या विषय पर पूर्व आचार्यों के साहित्यों का अध्ययन एवं सम्पादन।

(आ) शिल्पवेद शृङ्खला (Series) — ‘भृगुशिल्पसंहिता’ अन्तर्गत १० शिल्पशास्त्र-३२ शिल्पविद्या-६४ शिल्पकला विषयक साहित्यों का अध्ययन व सम्पादन।